सफरनामा - घृष्णेश्वर महादेव की नगरी औरंगाबाद से रायपुर केंद्रीय जेल (अभिव्यक्ति असीम पाण्डेय)

रायपुर दिनांक 9 अगस्त 2023 - यह यात्रा मेरी नहीं हमारी है, हम हिन्दूस्तान के रहवासियों की है. सुबह 5 बजे सर्वोदय सेवाग्राम "दावरवाड़ी पाटा" से पैठन होते हुए औरंगाबाद यानी छत्रपति संभाजीनगर के लिए यात्रा प्रारंभ किया जहां रास्ते में पता चला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से औरंगाबाद पुलिस मेरी तलाश में आई है, जो की एक राजनीतिक सद्यंत्र अंतर्गत मेरे द्वारा आम जनमानस के सत्य के अल्फाज़ को, भ्रष्टाचार के खिलाफ़ उठ रहे मेरे आवाज़ को दबाने का अप्रताशित प्रयत्न मात्र है. एक उच्चमहत्वकांक्षी अपराधी महिला जो सितंबर 2009 में पहली बार थाना बोधघाट, बस्तर में अपने परिवार के साथ गिरफ्तार हुई थी जिसमें 2012 में न्यायालय के बाहर पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाकर केस में राजीनामा कराया गया है ऐसे ही अन्य दर्जनों मामलों में अपराधी महिला प्रियंका उपाध्याय उपाध्यक्ष युवा कांग्रेस रायपुर ग्रामीण एवं प्रदेश सह संयोजक IT Cell युवा कांग्रेस, निवासी - शारदा विहार कॉलोनी, माना कैंप रायपुर (छ. ग.) एवं बिलथरिया कुंवा के पास, पोस्ट ऑफिस के पीछे, गाढ़ा, जबलपुर (म. प्र.). अपराधी महिला के संरक्षक रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा, कॉऑपरेटिव बैंक के भ्रष्ट संचालक, राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य एवं रायपुर ग्रामीण विधायक के पुत्र पंकज शर्मा, रायपुर महापौर एवं अपराधी महीला से अवैध संबंध रखने वाले ऐजाज ढेबर जो रायपुर महापौर बनने के बाद दर्जनों भ्रष्टाचार में संलिप्त अपनी संपत्ति में हजारों गुना इज़ाफ़ा करने वाले व ऐजाज़ ढेबर महापौर के मित्र टपरदा के पूर्व सरपंच व सरपंच संघ के अध्यक्ष तथा भ्रष्ट कोयला कारोबारी हवाला के सरताज सूर्यकांति तिवारी के मामा सुनील कुमार पाण्डेय निवासी - स्नेहिल सदन, महावीर चौक, बैकुंठपुर रायगढ़ (छ. ग.) की पूर्व नियोजित रणनीति का हिस्सा है. 

महात्मा गांधी सर्वोदय भवन, सिल्क मील कॉलोनी औरंगाबाद महाराष्ट्र में बच्चों को शिक्षा देने के बाद मित्र के द्वारा खिचड़ी एवं मेरे द्वारा मुनगा भाजी/शहजन साग बनाया गया और हम दोनों ने अचार और सलाद के साथ मध्यान्ह भोजन कर कुछ देर विश्राम करने के पश्चात परेशान छ.ग. पुलिस सर्वोदय भवन प्रवेश किया एवं मुझे मित्र के साथ क्रांति चौक थाना लेजाकर कागज़ी कार्यवाही पश्चात मित्र को भेज कर छ. ग. पुलिस के प्रधान जी, विक्रम वर्मा जी एवं वाहन चालक के साथ हम घृष्णेश्वर महादेव के दर्शन करते हुए रायपुर के लिए यात्रा प्रारंभ किया. दर्शन पश्चात छत्तीसगढ़ के तीनो यात्रा के साथियों द्वारा भूखे होने के कारण शाम 05:30 मंदिर से लगे भोजनालय में पिज्जा एवं वेज सलाद पुलाव खाने के पाश्चर अपने भूतकाल एवं अन्य जानकारी साझा करते हुए यात्रा प्रारंभ किया रात्रि 12 बजे भोजन के लिए एक विराम लिया जिसमें प्रधान जी और चालक के द्वारा रोटी सब्जी तथा विक्रम वर्मा जी को सरदर्द होने के कारण उनके साथ दही लिया, भोजन उपरांत आगे की यात्रा जारी रखा गया. 

दिनाक 01 अगस्त 2023 सुबह 6 बजे सिटी कोतवाली रायपुर पहोंचने के पश्चात आगे की प्रक्रिया प्रारंभ किया गया तथा 11 बजे विवेचना अधिकारी SI दिव्या शर्मा के थाना पहोंचने के पश्चात पूछताछ में चाही गई सारी जानकारी देने के बाद अपने अधिवक्ता/परिजन से बात कराने एवं स्वस्थ संबंधी समस्या की जानकारी के बाद दवा की मांग किया तथा स्वस्थ जांच के बाद डॉक्टर से स्वस्थ जांच के समय अपने स्वस्थ समस्या एवं आंखो के संक्रमण की जानकारी देने पर दवा और अन्य जांच हेतु पर्चा लिखा गया जिसे SI दिव्य शर्मा द्वारा नकारते हुए पूर्व नियोजित रणनीति अंतर्गत पुनः जांच आदेश दिया गया. मेरे दोनो फोन के साथ लगभग 13 ग्राम की सोने की चैन रुद्राक्ष कलाई और गले में बंधी रुद्राक्ष माला एवं जनेऊ को काटा गया. जिसके कुछ वक्त बाद विवेचना अधिकारी द्वारा थाना प्रभारी के दफ्तर लेजाया गया जहां रायपुर महापौर एजाज़ ढेबर एवं उसके साथी उपस्थित रहे एजाज़ ढेबर द्वारा वहां अभद्रता करते हुए गाली-गुफ्तार करते अपने अवैध संबंध एवं अपने दर्जनों भ्रष्टाचार जिसपर पर्दा डालने का काम अपराधी चालाक महिला प्रियंका उपाध्याय द्वारा किया जाता है उसके लिए धमकाया गया. एजाज़ ढेबर के शब्द थे "मेरी प्रियंका के लिए ऐसा बोलने और लिखने की तेरी हिम्मत कैसे हुई, तेरी गां_ मरूंगा अभी यहां, तेरे खानदान को खत्म करवा दुंगा, ये मेरा क्षेत्र मौहदापारा है तेरी हत्या कराऊंगा यहां आज. तत्पश्चात विवेचना अधिकारी SI दिव्या शर्मा द्वारा जप्ति पत्रक में सिर्फ़ दोनो फोन का जिक्र करते हुए उक्त राजनीतिक व्यक्तियों के पहुंच से 3 घण्टे पहले हुए स्वस्थ जांच एवं पूर्व में 3 वर्ष से चल रहे मेरे इलाज की पर्चियों को हटाते हुए झूठा स्वस्थ जांच कराया गया एवं अनान-फानन में न्यायालय परिसर ले जाया गया जहां माननीय न्यायाधीश दीप्ति लकड़ा जी के द्वारा बिना मेरी बात सुने हुए रिमांड पर जेल भेजा गया. रायपुर केंद्रीय जेल परिसर पहुंचने पर जेल अधिकारियों द्वारा नियमानुसार बैरका क्रमांक 14 में बंदी क्रमांक 1153 दिया गया जहां रात्रि भोजन के पश्चात महीनों के जन जागरूकता, जन सेवा, किसान आंदोलन, पौधारोपण, सूत कताई प्रशिक्षण आदि कार्यों के भागदौड़ के पश्चात शांति का अनुभव हुआ. 

02 अगस्त 2023 सुबह 5 बजे उठ कर सभी बंदियों के साथ प्रार्थना के पश्चात चर्चा एवं जानकारी इक-दूजे से साझा करने लगे, जेल परिसर में मुझे गांव, मुहल्ले, कस्बे, शहर, महानगर के लोगों के तरह कोई भी नहीं मिला, जो मिले आपसी भाईचारे में बंधे, निश्चल, निःस्वर्थ, राजनीति शासन प्रशासन घर परिवार अपने परिजनों के सताए हुए लोग मिले. बैरक परिसर में सैर करना, साथ बैठ कर भोजन करना, अन्न के हर दाने का सम्मान करना, टमाटर धनिया मिर्च अचार बिस्कुट मिक्सचर मुर्रा से भेल बनाना, गाने गीत भजन गाना, किसी की रिहाई पर खुशियां मानना इक-दूजे के आंशु पोछना (जरूरी नहीं वे गम के हों या खुशियों के), किसी की चोट-दर्द पर मरहम-दवा लगाना, परिजन के समान आपस में झगड़ना सिखलाया एवं सीखा भी. हां मुझे जेल परिसर में मेरे हिन्दूस्तान के मेरे सैकड़ों अपने मिले, बबलू, छोटू, अमन, चंकी, साहू जी, वर्मा जी, यादव जी, तिवारी जी, इकबाल, इरफान, आशिम, अनीश, शेरा, मोटू मिले. 

दिनांक 07 अगस्त 2023 को बैरक क्रमांक 15 में पहुंचने पर मुलाकात हुई सूरज कुमार जो अपने देवार समाज के उत्थान के लिए, शिक्षा के लिए, अपने मौलिक अधिकारों के लिए आवाज़ उठाता रहा है उसे कानून को तक में रखने हुए कारावाश दिया गया है, सूरज कुमार ने जेल परिसर में ही कक्षा 4 तक की पढ़ाई 6 महा में पूरी कर लिया है जो अपने देवार समाज छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य प्रांत का हिस्सा सदियों से हैं उनके जाति प्रमाण पत्र एवं मौलिक अधिकारों दिलाने शब्दों को पिरोया है एवं बेहद सुंदर सुंदर रचनाएं लिखी हैं. हां यह आगाज़ है उन अल्फाजों के आवाज़ की. 

दिनांक 08 अगस्त शाम 6 बजे जब बैरक क्रमांक 15 में मेरी रिहाई का संदेश आया मेरे साथियों के चेहरे पर खुशी की लहर और उमंग उफान पर था मेरे साथियों के आंखों में खुशियों के, उम्मीदों के, भाई-चारे के, मोहब्बत के आशु थे. मुझे मेरे माता-पिता ने सिखाया है किसी निर्दोष, अबोध, शोषित की उम्मीद मत तोड़ना. मुझे मेरी बहन रेणुका ने सिखाया है "जय जगत पुकारे जा, सिर अमन पे वारे जा, सबके हित के वास्ते अपना सुख बिसारे जा. प्रेम की पुकार हो,सबका सबसे प्यार हो, जीत हो जहान की क्यो किसी की हार हो. न्याय का विधान हो सबका हक समान हो, सबकी अपनी हो जमीन, सबका आसमान हो. रंग भेद छोड़ दो, जात पात तोड़ दो. मानवों की आपसी अखंड प्रीत जोड़ दो. शांति की हवा चले, जग कहे बले बले. दिन उगे सनेह का रात रंज की ढले. 

हां मेरे शब्दकोष में शब्दों की कमी सी है आज, अपने भावनाओं अपने विचारों को गढ़ना शब्दों को पिरोना नामुमकिन सा है मेरे लिए. 
बालीपुश से यूप में बंधे मिमियते असंख्य जन
अपनी सुरक्षा में आत्म केंद्रित स्वार्थी जनों का अघ: पतन
जीवनानुभाव के सारे अस्त्र-शास्त्र बटोर अपने तूणीर में सजा लिया है मैने 
मुझे नहीं चाहिए किसी उपदेशक पारंगत सारथी का रथ संचालन 
मैं अकर्मण्य हो अस्त्र त्याग कर मृत्यु का वरण कदापि न करूंगा 
समय की मांग युद्ध है अतः मैं युद्ध करूंगा (यह Digital क्रांति युग है और अस्त्र-शास्त्र Digital हैं) अंत में बस इतना कहना चाहता हूं, एक हमारे बापू (महात्मा गांधी) राष्ट्र के लिए, आम जनमानस के लिए लड़े थे गोरों से और मैं लड़ता हूं झूठे, बेईमान, भ्रष्टाचारी चोरों से.

जय जोहार, जय हिन्द, जय जगत 
हर हिन्दूस्तानी का अपना असीम कुमार पिंटु 
ग्राम - सिंगपुरी, तहसील - पुसौर, जिला - रायगढ़ (छ. ग.) 
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