छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधन अभिशाप या वरदान
वर्तमान छत्तीसगढ़ दक्षिण कौशल राज्य का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ का गठन 1 नवंबर 2000 को भारत के 26 वें राज्य के रूप में हुआ। राज्य का भौगोलिक क्षेत्रफल 135133 वर्ग किलोमीटर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का नवां बड़ा राज्य है। वर्तमान समय में राज्य में 9139 ग्राम पंचायतें तथा 20378 गांव है। यहां की जनसंख्या 2022 की जनगणना के अनुसार 3 करोड़ 22 लाख है।
यहां 11 लोकसभा क्षेत्र तथा पांच राज्यसभा की सीटें हैं , जबकि राज्य में 90 विधानसभा सीट हैं।
इस राज्य में 18075 गांव विद्युतीकृत हैं तथा शेष 2303 गांव में आज भी बिजली नहीं पहुंच पाई है। इस प्रदेश में 146 जनपद (डेवलपमेंट ब्लॉक या विकासखंड) हैं जिनमें 85 आदिवासी जनपद हैं ।
राज्य में खनिजों की स्थिति
1. लौह अयस्क
A हेमेटाइट
राज्य में हेमेटाइट अयस्क का भंडार 4858.13 मिलियन टन है जो राष्ट्रीय भंडार का 20% है। इसका बाजार मूल्य 4704 रू प्रति टन है। इस प्रकार इसका कुल मूल्य
22,85,264. 352 करोड़ रूपया होता है ।
B मैग्नेटाइट
इसका भंडार मात्र 11.53 मिलियन टन है।
इसका बाजार मूल्य 2700 रुपया प्रतिटन है।
इस प्रकार मैग्नेटाइट अयस्क का कुल मूल्य 3032.101 करोड़ रूपया है।
2. बॉक्साइट
इसका कल भंडार 173.76 मिलियन टन है तथा कुल मूल्य 2 लाख 278016 करोड़ रूपया है।
3. ग्रेफाइट
इसका कल भंडार 0.734 मिलियन टन है तथा इसका मूल्य 9542 करोड रुपए होता है।
4. लाइमस्टोन
इसका भंडार 8959 मिलियन टन है तथा बाजार मूल्य 1825 रुपया प्रतिटन है। इस प्रकार लाइमस्टोन का कुल मूल्य 16, 35,017.5 करोड रुपए होता है ।
5. चाइना क्ले
इसका भंडार 15 मिलियन टन। दर ₹4000 प्रति टन।
कुल मूल्य 6000 करोड रुपए।
6. डोलोमाइट
भंडार 919 मिलियन टन।
दर ₹3000 प्रति टन
कुल मूल्य 275700 करोड रुपए।
7. फायर क्ले
भंडार 21.56 मिलियन टन ।
दर 4420 रुपया प्रति टन। कुल मूल्य 9529. 5 2 करोड रुपए।
8. कोयला
कुल भंडार 69432 मिलियन टन।
दर 3000रु प्रति टन।
कुल मूल्य 2,08,29,600करोड़ रु।
9 फ्लोराइट
भंडार 0.5 मिलियन टन
दर 4500रु प्रति टन।
कुल मूल्य 225 करोड़ रुपए।
10. हीरा
भंडार 13,04,000 कैरेट
दर 50000रु प्रति कैरेट
कुल मूल्य 6520 करोड़ रुपए।
11. क्वारजाइट
कुल भंडार 28.60 मिलियन टन
दर 987 रु प्रति टन
कुल मूल्य 2822.82 करोड़ रुपए।
12. टीन अयस्क
भंडार 15625 मिलियन टन।
यह राष्ट्रीय भण्डार का 35.83% है।
दर 19,826 रु प्रति टन
कुल मूल्य 3,09,78,125.00 करोड़ रुपए।
13. सोना
कुल भंडार 4.84 मिलियन टन
दर 500000 रु प्रति किलोग्राम
कुल मूल्य 22,20,00,000, करोड़ रुपए ।
14. कोरंडम
कुल भंडार 885 मिलियन टन
दर 1800000 रु प्रति टन
कुल मूल्य 15,93,00,000 करोड़ रुपए।
ऊपर के सभी 14 खनिजों और अयस्कों के कुल भंडार का कुल बाजार मूल्य 43,76,19,394.292करोड़ रुपए है। राज्य की जनसंख्या 3,20,00,000है। इस प्रकार राज्य के प्रति व्यक्ति यह रकम 13,59,06,644.19करोड़ रुपए होता है। यह राज्य के प्रति व्यक्ति लूट का आंकड़ा है जो सरकारों की देखरेख में कंपनियों द्वारा छत्तीसगढ़ में विकास के नाम पर की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में वन संपदा
कुल वन क्षेत्रफल 59772 वर्ग किलोमीटर
आरक्षित वन (Reserved forest)
25,786 वर्ग किलोमीटर
संरक्षित वन( Protected forest)
24,034 वर्ग किलोमीटर
अवर्गीकृत वन (Unclassified)
9952 वर्ग किलोमीटर।
छत्तीसगढ़ के भौगोलिक क्षेत्रफल को पांच प्रमुख नदी घाटियों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है
बेसिन क्षेत्रफल
महानदी 75546 वर्ग किलोमीटर
गोदावरी 39,577वर्ग किलोमीटर
सोन 18,808वर्ग किलोमीटर
नर्मदा 02, 113वर्ग किलोमीटर
ब्राह्मणी 01, 316वर्ग किलोमीटर
छत्तीसगढ़ में बहने वाली नदियों की सूची
महानदी ,शिवनाथ , हसदेव मांड , केलो ,पैरी, मनियारी, अरपा,
लीलागर, तंदुला ,गोदावरी ,इंद्रावती, साबरी, कोटरी, डंकिनी शंखिनी, चिंताबागु, नंदीराज, नारंगी, सोन, रिहंद, कनहर , ब्राह्मणी और नर्मदा।
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छत्तीसगढ़ में अदानी की परियोजनाएं_
1. कोयला से बहुउत्पादन परियोजना
अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड के इस परियोजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के कोयला आधारित तापीय ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पन्न राख से यूरिया और प्राकृतिक गैस के विकल्प के निर्माण की योजना है। इस परियोजना की लागत 25000 करोड रुपए है।
इस परियोजना की आड़ में छत्तीसगढ़ के कोयला खदानों को हड़पने की योजना है। सरकार का यह दावा है कि इस परियोजना से राज्य में 5000 रोजगार उत्पन्न होंगे , यानी एक रोजगार उत्पन्न करने के लिए 5 करोड रुपए की जरूरत होगी। इस परियोजना से जो प्रदूषण होगा उसका कोई अनुमान इसमें नहीं लगाया गया है।
2. राजनांदगांव में अदानी कंपनी धान के भूसे से एक घोलक(solvent) बनाने की परियोजना लिया है। इस परियोजना के लिए 200 करोड रुपए की लागत आएगी।
छत्तीसगढ़ को "धान का कटोरा" कहा जाता है। इस परियोजना के माध्यम से अदानी छत्तीसगढ़ के धान उत्पादन को अपने कब्जे में करने की कोशिश करेगा ताकि परियोजना के कच्चे माल के रूप में धान की उपलब्धता सतत बरकरार रहे। इस परियोजना की आड़ में अदानी धान की अपनी जरूरत से बहुत ज्यादा धान की खरीदगी करेगा जिससे छत्तीसगढ़ की बाजार में धान को नियंत्रण में लिया जा सके।
3. रायखेड़ा थर्मल पावर परियोजना
इस परियोजना कोअदानी पावर लिमिटेड ने जीएमआर छत्तीसगढ़ एनर्जी लिमिटेड से खरीदा है । इस परियोजना की क्षमता 1370 मेगावाट बिजली उत्पादन की है । यह परियोजना मात्र 3530 करोड रुपए में खरीदी गई है इस परियोजना से उत्पादित बिजली गुजरात राज्य को भेजी जाएगी इस परियोजना से प्रतिदिन 3 करोड़ 28 लाख 80 हजार यूनिट बिजली उत्पादन किया जाएगा जिससे कंपनी को प्रतिदिन 13 करोड़ 15 लाख 20हजार रु की प्राप्ति होगी।
4. कोरबा पश्चिम पावर कंपनी लिमिटेड
अदानी पावर लिमिटेड ने 600 मेगावाट क्षमता के कोरबा पश्चिम पावर कंपनी लिमिटेड को अधिग्रहित किया है जिससे प्रतिदिन 1,44,00,000 यूनिट बिजली उत्पादन की जाएगी जिससे प्रतिदिन 5 करोड़ 76 लाख रुपए की प्राप्ति होगी।
5. ट्रांसमिशन लाइन परियोजना
छत्तीसगढ़ में अदानी को 433 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन प्राप्त हुई है।
इसके अतिरिक्त अदानी को मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दादर व नगर हवेली एवं दमन एवं दीव में भी ट्रांसमिशन लाइन प्राप्त हुई है । यह ट्रांसमिशन अदानी को 2015 से अगले 35 वर्षों के लिए BOOM के आधार पर दिया गया है ।
(B= BUILD, O= OWN, O= OPERATE, M= MAITAIN)
6. कोयला खदान
राज्य के परसा एवं केटे बेसन कोयला खदान में खनन की जिम्मेदारी राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड ने दिया। इसके अलावा कुछ और भी कोयला खदान दिए गए हैं । इन खदानों के माध्यम से अदानी राज्य के कोयला संसाधन पर कब्जा करना चाहता है। इन खदानों से काफी लूट होगी।
अदानी को देश में लगभग 11371 मिलियन कोयला भंडार का स्वामित्व मिला है जिसका कुल मूल्य 34 लाख 11हजार 300 करोड रुपए होता है ।
7. सड़क परियोजना
राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग का एक बड़े हिस्से के निर्माण तथा उसके संचालन की जिम्मेदारी अदानी कंपनी को दिया गया है । इस परियोजना के लिए अदानी 1140 करोड़ रूपया का निवेश कर रहा है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल वसूली का काम भी अदानी करेगा।
क्या आप छत्तीसगढ़ के लूट को जारी रहने देना चाहते हैं या इन संसाधनों पर जन समुदाय की मालकियत चाहते हैं। अगर आप चाहते हैं इन संसाधनों पर समुदाय की मालकियत हो तो इसके लिए एक साथ संघर्ष करें ।
डॉ मिथिलेश कुमार दांगी की कलम से
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