छत्तीसगढ़ी भाषा दिवस पर छत्तीसगढ़ी भवन में गोष्टी
रायपुर 29 नवंबर 2023 - हांडीपारा स्थित छत्तीसगढ़ी भवन में छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य प्रचार समिति द्वारा छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के उपलक्ष में 28 नवंबर को संध्या 6:00 बजे छत्तीसगढ़ी भाषा की दशा और दिशा पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसके मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरविंद मिश्रा थे। विशेष अतिथि राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित सुश्री ममता आहार एवं अध्यक्षता वरिष्ठ कवि गीतकार रामेश्वर शर्मा ने किया।
मुख्य अतिथि श्री अरविंद मिश्रा ने कहा कि जो व्यक्ति उद्देश्य को आगे रखकर और अपने आप को पीछे रख कर काम करते हैं उनका कार्य अवश्य ही सफल होता है।आज छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जिन लोगों को छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए काम सौंपा गया है वे लोग उद्देश्य को पीछे रखकर अपने आप को स्थापित करने के लिए आगे रखकर काम कर रहे हैं। वे अनमना रूप से कार्य कर रहे हैं । छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति उनका लगाव नहीं है इसलिए किसी भी कार्य की दिशा तय करने में असफल हैं। क्योंकि उन लोगों की रुचि छत्तीसगढ़ी भाषा विकास के प्रति नहीं है।शिक्षा में नवाचारी के प्रयोग के लिए राष्ट्रपति से सम्मानित सुश्री ममता आहार ने कहा कि पढ़ाई के प्रति बच्चों की रुचि को बढ़ाने के लिए गीत नित्य के माध्यम से बच्चों को पढ़ने से ठीक से विद्या को समझते हैं।साथ ही साथ शिक्षा को आसानी से आत्मसात करते हैं।पाठ को पंडवानी,पंथी और भरथरी गायन से और पहाड़ को गीत के माध्यम से पढ़ने से बच्चे आसानी से शिक्षा ग्रहण करने में दक्षता हासिल करते हैं।शिक्षक एवं सुमधुर कवि मिलेश साहू ने कहा कि जय गंगान के तर्ज पर पाठ पढाने से छोटे बच्चे खेल-खेल में आसानी से शिक्षा ग्रहण करते हैं।हमारी मातृभाषा छत्तीसगढ़ी का भविष्य बहुत ही उज्जवल है।निष्ठा पूर्वक इसे पढाने की जरूरत है।गोष्ठी के आयोजक छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य प्रचार समिति के संयोजक जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए दिशाहीन है।इसलिए स्कूल की पढ़ाई एवं कामकाज चालू नहीं किया है। जितने भी लोग छत्तीसगढ़ी भाषा में एमए किए हैं उन लोगों को हर विभाग में जनसंपर्क अधिकारी नियुक्त कर दे तो लोगों को बड़ी सुविधा होगी। इसे रोजगार परख बनाने की जरूरत है। गोष्टी के अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि गीतकार रामेश्वर शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा की लिखावट में जो गड़बड़ी है उसे सुधारने के लिए छत्तीसगढ़ी के चिंतन में डूबना पड़ेगा तभी शुद्ध शब्दों का चयन करने में आसानी होगा। साथ ही दिशा तय करने के लिए छत्तीसगढ़ी भाषा में दक्ष साहित्यकारों की समिति बनाकर छत्तीसगढ़ सरकार को छत्तीसगढ़ी भाषा की दिशा तय करने के लिए सतत कार्यशाला आयोजित करने की जरूरत है ।इससे छत्तीसगढ़ी भाषा के दिशा में सुधार आएगा साथ ही मानकीकरण करने में भी सार्थक सिद्ध होगा।गोष्ठी में गोविंद धनगर,लोकनाथ साहू,राजेश सिंह बिसेन,श्यामू राम सेन आदि ने भी विचार रखा।
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