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क्या कांग्रेस में बदलाव की शुरुआत हो चुकी है?

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कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाले कांग्रेस विरोधियों को निराश करते हुए पार्टी के अध्यक्ष पद का बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित चुनाव अंततः लोकतांत्रिक रीति से सफलतापूर्वक संपन्न हो गया और मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में कांग्रेस को एक नया अध्यक्ष मिल गया जिसके साथ तीन विशेषण प्रेक्षकों को अभी से जोड़ने पड़े हैं- अनुभवी, दलित और गैर गांधी किंतु गांधी परिवार समर्थित। कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव घटनाप्रधान और हंगामाखेज रहा, जैसी कल्पना थी कि यह निर्विरोध संपन्न होगा या कठोर पार्टी अनुशासन से भयभीत मतदाता यांत्रिक भाव से आलाकमान की पसंद पर मुहर लगा देंगे वैसा बिलकुल नहीं हुआ। पराजित प्रत्याशी शशि थरूर अपनी वैचारिक असहमतियों और परिवर्तन के एजेंडे के साथ अंत तक डटे रहे। मल्लिकार्जुन खड़गे से पहले थरूर के प्रतिद्वंद्वी के रूप में चर्चित अशोक गहलोत की निजी महत्वाकांक्षाओं के कारण उत्पन्न विवाद ने जितनी चिंता कांग्रेस समर्थकों में पैदा की उससे अधिक संतोष इस प्रकरण के बुद्धिमत्तापूर्ण और सहज पटाक्षेप ने उन्हें दिया। चुनाव प्रक्रिया और मतदान को लेकर शशि थरूर की आपत्तियां भी यह सिद...

भारत जोड़ो यात्रा : सेकुलर ताकतें अब जनता के बीच जाने की करें तैयारी

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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मुख्यधारा के मीडिया की सुर्खियों में नहीं है, यह बात अफसोस से अधिक प्रसन्नता की है। इस यात्रा का उद्देश्य जितना पवित्र है एवं जिस प्रकार एकता और प्रेम का संदेश देते हुए यात्रा आगे बढ़ रही है, यह हिंसा और नफरत फैलाने वाले समाचार चैनलों की सुर्खी बन भी नहीं सकती। मुख्यधारा के मीडिया की उपेक्षा इस बात की तसदीक करती है कि राहुल सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। दशकों बाद देश का कोई शीर्षस्थ नेता सड़कों पर जनता से संवाद कर रहा है। उसके कदम जमीन पर हैं। धूप, बरसात और हवा उसके साथ साथ चल रहे हैं। राहुल को अनुभव हो रहा होगा कि लोग तो अपना प्यार लुटाने को तैयार बैठे हैं हम ही उनके बीच जाना नहीं चाहते, हिंदुस्तानियत को जीना नहीं चाहते। राहुल हिंदी में बहुत प्रभावी ढंग से अपनी बात नहीं कह पाते, शायद वे बहुत अच्छे वक्ता भी नहीं हैं। हो सकता है कि तथ्यों और आंकड़ों को स्मरण रखने में भी वे कुछ पीछे हों लेकिन उनकी सहजता और मासूमियत इन कमियों पर भारी पड़ रही हैं। उनकी मोहक निश्छल मुस्कान और हर किसी को स्नेह के बंधन में बांधने के लिए फैली उनकी बाँहें शब्दों के लिए बहु...